वाराणसी के रचनाकार
कुल: 25
बच्चन सिंह
बलदेव उपाध्याय
हिंदी-संस्कृत के विद्वान्, साहित्य-इतिहासकार, निबंधकार और समालोचक। हिंदी में संस्कृत साहित्य पर चिंतन के लिए उल्लेखनीय।
भारतेंदु हरिश्चंद्र
भारतीय नवजागरण के अग्रदूत। समादृत कवि, निबंधकार, अनुवादक और नाटककार।
जयशंकर प्रसाद
छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। समादृत कवि-कथाकार और नाटककार।
वल्लभाचार्य
समादृत संत और दार्शनिक। पुष्टिमार्ग के संस्थापक और शुद्धाद्वैत के प्रतिपादक।
भोलाशंकर व्यास
लक्ष्मीनारायण मिश्र
1930-50 के दौर में लोकप्रिय रहे सुपरिचित नाटककार और रंगकर्मी।
सम्पूर्णानंद
लाला भगवानदीन
अंबिकादत्त व्यास
'भारतेंदु मंडल' के कवियों में से एक। कविता की भाषा और शिल्प रीतिकालीन। 'काशी कवितावर्धिनी सभा’ द्वारा 'सुकवि' की उपाधि से विभूषित।
अर्जुनदास केडिया
प्राचीन शैली में लिखने वाले आधुनिक कवियों में से एक। अलंकार ग्रंथ 'भारती भूषण' कीर्ति का आधार ग्रंथ।
गोपीनाथ कविराज
मथुराप्रसाद दीक्षित
संस्कृत के सुप्रसिद्ध कवि-विद्वान। 'विजयनाटकम्' कृति के लिए उल्लेखनीय।
सुधाकर द्विवेदी
मूलतः गणितज्ञ और ज्योतिषाचार्य। हिंदी भाषा और नागरी लिपि के प्रबल पक्षधर। 'नागरी प्रचारिणी सभा' के सभापति भी रहे।
जगन्नाथदास रत्नाकर
- निधन : वाराणसी