वाराणसी के रचनाकार
कुल: 25
भारतेंदु हरिश्चंद्र
भारतीय नवजागरण के अग्रदूत। समादृत कवि, निबंधकार, अनुवादक और नाटककार।
हजारीप्रसाद द्विवेदी
समादृत समालोचक, निबंधकार, उपन्यासकार और साहित्य-इतिहासकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
जयशंकर प्रसाद
छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। समादृत कवि-कथाकार और नाटककार।
ज्ञानेंद्रपति
आठवें दशक के प्रमुख कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
रामनारायण मिश्र
नागरी प्रचारिणी सभा के संस्थापक सदस्य और सभापति। भारतेंदु युग में साहित्यिक योगदान के लिए उल्लेखनीय।
व्योमेश शुक्ल
सुपरिचित कवि-आलोचक और अनुवादक। रंगकर्म में भी सक्रिय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।
गार्गी मिश्र
नई पीढ़ी की कवयित्री। शोध, गद्य-लेखन और अनुवाद-कार्य में भी सक्रिय।
'राम सतसई' के रचयिता। शृंगार की सरस उद्भावना और वाक् चातुर्य के कवि।
अंबिकादत्त व्यास
'भारतेंदु मंडल' के कवियों में से एक। कविता की भाषा और शिल्प रीतिकालीन। 'काशी कवितावर्धिनी सभा’ द्वारा 'सुकवि' की उपाधि से विभूषित।
अर्जुनदास केडिया
प्राचीन शैली में लिखने वाले आधुनिक कवियों में से एक। अलंकार ग्रंथ 'भारती भूषण' कीर्ति का आधार ग्रंथ।
चन्द्रधर शर्मा
- निवास : वाराणसी
संस्कृत-हिंदी-अँग्रेज़ी के रचनाकार। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग से संबद्ध रहे।
रविशंकर उपाध्याय
नई पीढ़ी के कवि। असमय दिवंगत। एक कविता-संग्रह 'उम्मीद अब भी बाक़ी है' शीर्षक से मरणोपरांत प्रकाशित।
सुधाकर द्विवेदी
मूलतः गणितज्ञ और ज्योतिषाचार्य। हिंदी भाषा और नागरी लिपि के प्रबल पक्षधर। 'नागरी प्रचारिणी सभा' के सभापति भी रहे।
विहाग वैभव
नई पीढ़ी के कवि। दलित-संवेदना-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।