सुशील दोशी की पुस्तक ‘द आर्ट एंड साइंस ऑफ़ क्रिकेट कमेंट्री’ का विमोचन
हिन्दवी डेस्क
25 जुलाई 2024

23 जुलाई 2024 को शिक्षाविद् और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (National Book Trust), भारत के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर मिलिंद सुधाकर मराठे, भारतीय क्रिकेटर और आईपीएल फ़्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के कोच रहे चंद्रकांत पंडित ने क्रिकेट-जगत में हिंदी कमेंट्री की पहचान रहे सुशील दोशी की पुस्तक ‘द आर्ट एंड साइंस ऑफ़ क्रिकेट कमेंट्री’ का डॉ. भार्गव हॉल, होल्कर स्टेडियम, इंदौर में विमोचन किया।
सुशील दोशी हिंदी कमेंटेटर हैं। वह पिछले पाँच दशकों में हिंदी कमेंट्री का मशहूर नाम रहे हैं। देश में क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ाने और अपनी आवाज़ से खेल को गाँव-गाँव के लोगों तक पहुँचाने में उनका अहम योगदान है। उन्हें साल 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। वह अब तक 600 अंतरराष्ट्रीय मैचों में हिंदी कमेंटरी कर चुके हैं।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक—‘द आर्ट एंड साइंस ऑफ़ क्रिकेट कमेंट्री’ क्रिकेट कमेंट्री के बारे में है। बीते दो दशकों से भारत में क्रिकेट कमेंट्री का स्वरूप काफ़ी बदला है और इसमें लगातार मौक़े भी बन रहे हैं। यह एक ऐसी कला के रूप में विकसित हुई है, जो श्रोताओं और कमेंटेटरों को जोड़ती है।
इस पुस्तक में क्रिकेट कमेंट्री की उत्पत्ति और विकास, कमेंटेटर के बुनियादी गुण, कमेंट्री की तैयारी, भाषा, शब्दावली और शैली, तकनीकी ज्ञान और क्रिकेट कमेंटेटर कैसे बनें जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है।
इस मौक़े पर चंद्रकांत पंडित ने इस पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि लेखक सुशील दोशी 50 से अधिक वर्षों से लिख रहे हैं। क्रिकेट के प्रति ललक जगाने में उनकी अहम भूमिका है। इंदौर शहर ने देश को अनेक क्रिकेटर भी दिए हैं।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर मिलिंद सुधाकर मराठे ने कहा कि यह पुस्तक क्रिकेट कमेंट्री के विभिन्न पहलुओं पर है। ऐसे समय में जब क्रिकेट कमेंट्री में रोज़गार के अवसर उभर रहे हैं, यह पुस्तक संदर्भ-पुस्तक के रूप में उपयोगी होगी। क्रिकेट कमेंट्री में ऑनलाइन पाठ्यक्रम भी आरंभ होना चाहिए, जिससे इस क्षेत्र में करियर बनाने वाले युवाओं को अवसर मिलेंगे।
अपनी किताब को लेकर लेखक सुशील दोशी ने कहा कि पूरी दुनिया में यह पहली ऐसी किताब है जो क्रिकेट कमेंट्री पर लिखी गई है।
उन्होंने इस पुस्तक को हिंदी और अँग्रेज़ी दोनों भाषाओं में प्रकाशित करने के लिए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में क्रिकेट कमेंटेटर और पुस्तक के लेखक सुशील दोशी सहित बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले, एमपीसीए के सचिव संजीव राव; इंदौर के संभागायुक्त दीपक सिंह और इंदौर के अनेक लेखक, साहित्यकार और क्रिकेटर उपस्थित थे।
'बेला' की नई पोस्ट्स पाने के लिए हमें सब्सक्राइब कीजिए
कृपया अधिसूचना से संबंधित जानकारी की जाँच करें
आपके सब्सक्राइब के लिए धन्यवाद
हम आपसे शीघ्र ही जुड़ेंगे
बेला पॉपुलर
सबसे ज़्यादा पढ़े और पसंद किए गए पोस्ट
07 अगस्त 2025
अंतिम शय्या पर रवींद्रनाथ
श्रावण-मास! बारिश की झरझर में मानो मन का रुदन मिला हो। शाल-पत्तों के बीच से टपक रही हैं—आकाश-अश्रुओं की बूँदें। उनका मन उदास है। शरीर धीरे-धीरे कमज़ोर होता जा रहा है। शांतिनिकेतन का शांत वातावरण अशांत
10 अगस्त 2025
क़ाहिरा का शहरज़ाद : नजीब महफ़ूज़
Husayn remarked ironically, “A nation whose most notable manifestations are tombs and corpses!” Pointing to one of the pyramids, he continued: “Look at all that wasted effort.” Kamal replied enthusi
08 अगस्त 2025
धड़क 2 : ‘यह पुराना कंटेंट है... अब ऐसा कहाँ होता है?’
यह वाक्य महज़ धड़क 2 के बारे में नहीं कहा जा रहा है। यह ज्योतिबा फुले, भीमराव आम्बेडकर, प्रेमचंद और ज़िंदगी के बारे में भी कहा जा रहा है। कितनी ही बार स्कूलों में, युवाओं के बीच में या फिर कह लें कि तथा
17 अगस्त 2025
बिंदुघाटी : ‘सून मंदिर मोर...’ यह टीस अर्थ-बाधा से ही निकलती है
• विद्यापति तमाम अलंकरणों से विभूषित होने के साथ ही, तमाम विवादों का विषय भी रहे हैं। उनका प्रभाव और प्रसार है ही इतना बड़ा कि अपने समय से लेकर आज तक वे कई कला-विधाओं के माध्यम से जनमानस के बीच रहे है
22 अगस्त 2025
वॉन गॉग ने कहा था : जानवरों का जीवन ही मेरा जीवन है
प्रिय भाई, मुझे एहसास है कि माता-पिता स्वाभाविक रूप से (सोच-समझकर न सही) मेरे बारे में क्या सोचते हैं। वे मुझे घर में रखने से भी झिझकते हैं, जैसे कि मैं कोई बेढब कुत्ता हूँ; जो उनके घर में गंदे पं