Font by Mehr Nastaliq Web

इंडिया फ़ेलो अपने 17वें बैच के लिए ले रहा है आवेदन

इंडिया फ़ेलो युवा भारतीयों के लिए सामाजिक नेतृत्व हासिल करने का कार्यक्रम है। यह भारतीय परिवेश में ज़मीनी स्तर से जुड़कर, काम करते हुए, अनुभव हासिल करते हुए भारत के अध्येताओं को अपनी नेतृत्व क्षमता खोजने में मदद करता है, जिससे उनमें यह गुण विकसित हो जो उन्हें अपने भविष्य को आकार देने और बदलाव लाने के लिए सशक्त हों। यह ख़ुद की खोज करने और अपने भीतर के इंसान को बेहतर करने की एक अनूठी यात्रा है।

इंडिया फ़ेलो पिछले 14 सालों से एक बेहद उम्दा चयन प्रक्रिया के माध्यम से सामाजिक बदलाव के लिए उन्नत ज़मीनी संस्थाओं में प्रोजेक्ट लीड करने के लिए 25 युवाओं का चयन करता रहा है। इंडिया फ़ेलो कार्यक्रम में युवाओं को एक मेजबान संगठन के साथ जुड़कर प्रशिक्षण लेते हुए, सहकर्मी शिक्षण और सलाह के साथ एक सामाजिक मुद्दे पर लगातार 18 महीने तक काम करना होता है।

इसी क्रम में इंडिया फ़ेलो अगस्त 2024 में शुरू होने वाले अपने 17वें बैच के लिए आवेदन ले रहे हैं। आप आज ही आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के जुड़ी सभी महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ आपको नीचे दिए गए लिंक पर उपलब्ध होंगी :

https://www.indiafellow.org/apply-now 

इंडिया फ़ेलो का मानना है कि भविष्य में सामाजिक नेतृत्व करने वाले युवाओं में देश के हर हिस्से के जीवन का समझ और अनुभव हो। वे प्रतिबद्ध हों और भारत के सामने आने वाली सामाजिक चुनौतियों की समझ से प्रेरित हों और उनमें बदलाव लाने की गहरी इच्छा हो। वे अपने भविष्य को आकार दें और बदलाव लाएँ। युवाओं में बदलाव लाने की ज़बरदस्त क्षमता होती है, हमें केवल इस तरह के जुनून को दिशा देने में निवेश करने की ज़रूरत है।

हमारा मानना है कि एक विश्वसनीय ग़ैर-लाभकारी संगठन के साथ प्रशिक्षण और सलाह के साथ व्यापक जमीनी स्तर के अनुभव का संयोजन, किसी को भी भविष्य में बेहतर करने में मदद करेगा।

'बेला' की नई पोस्ट्स पाने के लिए हमें सब्सक्राइब कीजिए

Incorrect email address

कृपया अधिसूचना से संबंधित जानकारी की जाँच करें

आपके सब्सक्राइब के लिए धन्यवाद

हम आपसे शीघ्र ही जुड़ेंगे

19 सितम्बर 2024

हिंदी के चर्चित घड़ी-प्रसंग की घड़ी बंद होने के बाद...

19 सितम्बर 2024

हिंदी के चर्चित घड़ी-प्रसंग की घड़ी बंद होने के बाद...

घड़ी तो सब ही पहनते हैं। कई सौ सालों पहले जब पीटर हेनलेन ने पहली घड़ी ईजाद की होगी, तो उसके बाप ने भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ये इतनी ज़रूरी चीज़ साबित होगी कि दुनिया हिल जाएगी। दानिशमंद लोग कहते

20 सितम्बर 2024

महाभारत : वीरता के आवरण में

20 सितम्बर 2024

महाभारत : वीरता के आवरण में

उपनिवेशित समाजों पर अपनी क़ब्ज़ेदारी को न्यायोचित ठहराने के लिए उपनिवेशकों ने यह बहाना गढ़ा था कि इन समाजों में वैयक्तिक उत्कर्ष की लालसा नहीं है। न ही वे एक समुदाय के रूप में ख़ुद को गठित कर पाने में स

14 सितम्बर 2024

हिंदी दिवस पर जानिए हिंदी साहित्य कहाँ से शुरू करें

14 सितम्बर 2024

हिंदी दिवस पर जानिए हिंदी साहित्य कहाँ से शुरू करें

हिंदी साहित्य कहाँ से शुरू करें? यह प्रश्न कोई भी कर सकता है, बशर्ते वह हिंदी भाषा और उसके साहित्य में दिलचस्पी रखता हो; लेकिन प्राय: यह प्रश्न किशोरों और नवयुवकों की तरफ़ से ही आता है। यहाँ इस प्रश्न

13 सितम्बर 2024

काफ़्का, नैयर मसूद और अब्सर्डिटी

13 सितम्बर 2024

काफ़्का, नैयर मसूद और अब्सर्डिटी

कहानी में बंदूक़ नैयर मसूद की कहानियों से मेरा परिचय लगभग साल भर पहले हुआ। लखनऊ विश्वविद्यालय में फ़ारसी पढ़ाने वाले एक लघुकथा लेखक, जिन्होंने काफ़्का का अनुवाद किया था, जिसके पास अनीस और मर्सियाख़्

22 सितम्बर 2024

सेक्टर 36 : शहरों की नहीं दिखने वाली ख़ौफ़-भरी घटनाओं का रियलिस्टिक थ्रिलर

22 सितम्बर 2024

सेक्टर 36 : शहरों की नहीं दिखने वाली ख़ौफ़-भरी घटनाओं का रियलिस्टिक थ्रिलर

कभी-कभी सिनेमा देखने वालों को भी तलब होती है कि ऐसा कोई सिनेमा देखें जो उनके भीतर पनप रहे कोलाहल या एंग्जायटी को ऐसी ख़ुराक दे जिससे उनके दिल-ओ-दिमाग़ को एक शॉक ट्रीटमेंट मिले और वह कुछ ज़रूरी मानवीय मू

बेला लेटेस्ट

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए