Font by Mehr Nastaliq Web

बिल्लियों के नौ जीवन पाप से भरे हैं

पश्चिमी लेखकों, कलाकारों, विचारकों के कारण बिल्लियों पर मेरा विशेष ध्यान गया। डॉग फ़ॉर सोल्ज़र्स, कैट्स फॉर आर्टिस्ट्स। कुत्ता गद्य है, बिल्लियाँ कविता। एक लेखक जिन कारणों से एक बिल्ली का साथ पसंद करता है, एक बिल्ली उन्हीं कारणों से एक लेखक का साथ पसंद करती है। स्त्रियाँ और बिल्लियाँ जो चाहें करें, पुरुष और कुत्ते उद्विग्न न हों और इसकी आदत डाल लें। बिल्लियों के बिना पिकासो का ब्लू पीरियड, क्यूब्स और शेष जीवन कैसा रहा होता!

एक दृश्य : चार्ल्स बुकोवस्की से पूछा जा रहा कि आप किससे प्रेरणा पाते हैं और उसने बिल्ले को उठा लिया है और कह रहा है इससे, इससे।

फ्रायड के लिए कवि बाह्य जगत का जीव है, बिल्लियाँ अंतर्जगत की।

बिल्लियाँ दार्शनिक हैं। जैसा है, वैसा ही है। सम्यक संयम की देवी! बुद्ध कहना भूल गए कि बिल्ली से सीखो संयम और आचरण की सम्यकता और पा लो निर्वाण! बुको-बुद्ध ने कह दिया कि ऐसा होगा कि एक दिन कोई हज़ार बिल्लियाँ पाल लेगा और अमर हो जाएगा।

जैसा है वैसा ही है। क्या हर्ष क्या विषाद! रहस्यात्मकता में बिल्लियाँ सूफ़ियों को चुनौती देती हैं। छायावाद बिल्लियों पर ध्यान केंद्रित करता तो प्रगति और प्रयोग के उभरने में अधिक देर न लगती। हम छायावाद को बिल्लीवाद पुकारते हुए काव्य के गौरवपूर्ण अतीत का प्रातःस्मरण करते।

एक अमेरिकी सैनिक अफ़ग़ानिस्तान से लौटा है कई माह बाद। कुत्ते जान दे रहे, बिल्ली चुपचाप बैठी है। कोई प्रतिक्रिया नहीं। बस सोच रही है। अच्छा तुम नहीं मारे गए, अच्छा तुम लौट आए हो, तुम लौट आए हो वैसे जैसे तुम्हारे दादा वियतनाम से लौट आए थे। ओके। नो इशूज़। लेट्ज़ मेक अमेरिका ग्रेट अगेन!

माँ कहती है कि बिल्ली नहीं पालते। कुत्ते चाहते हैं कि मालिक की आय में वृद्धि हो, आय बढ़ेगी तो उसके लिए बढ़ जाएगी हड्डियों की तादाद। बिल्ली चाहती है कि मालकिन अंधी हो जाए ताकि वह नज़र बचाकर इत्मिनान से दूध पी सके। यह बिल्ली की लोक उपस्थिति है। बिल्ली कुत्ते का बैर दृष्टिकोण के इसी सवाल पर है। दूसरी लोक उपस्थिति में पहली बिल्ली और पहला कुत्ता पहले मानव के घर में रहे। दोनों ने एक प्रतिज्ञा ले रखी थी। कुत्ते ने तोड़ दी यह प्रतिज्ञा, फिर बिल्लियों ने कभी उन्हें मुआफ़ नहीं किया।

लोक जब कुत्तों, गायों और घोड़ों को पालतू बना रहा था; तब बिल्लियाँ मनुष्य को पालतू बना रही थीं। कैट्स डोमेस्टिकेटेड ह्यूमन!

हमारे हाथों बिल्ली मारी जाए तो सोने की बिल्ली दान करनी होगी। पंडित को यक़ीन है कि मरेगी बिल्ली और बरसेगा सोना। पंडित तो हर अवसर का उपयोग करना जानता है। होरोडोटस ने एक ऐसी सभ्यता ढूँढ़ निकाली जहाँ घरेलू बिल्लियों के मारे जाने पर पूरे परिवार को अपनी भवें मूँडकर शोक मनाना होता था।

मिस्र में बिल्ली देवता हो गई। बारह व्हिस्कर्स वाली देवी तेरी सदा ही जय हो! मैं आश्चर्य करता हूँ कि बिल्लियों की दिव्यता से वैदिक भारत कैसे अछूता रह गया।

एक संदर्भ षष्ठी देवी का है। वह प्रकृति का छठा अंश हैं और बिल्ली की सवारी करती हैं। किसी धनाढ्य बंगाली की सात बहुएँ हैं। छठी बहू पेटू है। चीज़ें चुराकर खा लेती है और दोष एक बिल्ली पर लगाती है। बिल्ली को भी खेल चाहिए। जब भी छठी बहू कोई बच्चा जनती है, बिल्ली उसे खा लेती है। सातवें बच्चे के जन्म के अवसर पर भेद खुल जाता है। छठी बहू बिल्ली का पीछा करते वहाँ पहुँचती है, जहाँ षष्ठी देवी का वास है। सातों बच्चे वहाँ खेल रहे हैं।

बच्चे की छठी मनाने में इसी बिल्ली-सवार षष्ठी देवी से कहा जा रहा कि वर दो देवी। वह प्रसूतियों और नवजातों की रक्षा करने वाली देवी है।

लेकिन शास्त्र तो शास्त्र बिल्ली लोकमानस की भक्ति से भी लापता है। किसी चार्वाक ने ही कभी किसी बिल्ली-दर्शन का प्रस्ताव नहीं किया। सगुण-निर्गुण एक भक्त कवि हमें न मिला जो कहता कि उससे तो बिल्ली भली, सीखा रही अमोह संसार। बिल्ली को दूध मछली सौंप नहीं कह रहे हम कि रक्षा करो देवी। हमने कोई श्लोक बना यह नहीं कहा : ‘सर्वभूता यदा मार्जार देवी स्वर्गमुक्तिप्रदायिनी, त्वं स्तुता स्तुतये का वा भवन्तु परमोक्तयः’। भैरव ने पिछले जन्म अच्छे कर्म किए होंगे, देवता हो गया। बिल्लियों के नौ जीवन (नाइन लाइव्स ऑफ कैट्स!) पाप से भरे हैं, मुक्ति नहीं?

तत्सम का तद्भव हुआ है। षष्ठी देवी हिंदी-पूरब की छठी देवी हो गई हैं। छठी मईया से संतति और उसका आरोग्य ही तो माँग रहे लोग। वह प्रसूतियों और नवजातों की रक्षा करने वाली देवी है। लेकिन बिल्ली विस्मृत कर दी गई है। बिल्ली को दूध का अर्घ्य नहीं चढ़ा रहे लोग।

लेकिन बिल्लियों को फ़र्क़ नहीं पड़ता। जैसा है, वैसा ही है। अपनी लोक-आस्था अपने पास रखो, मेरी आध्यात्मिकता उधार लो।

बिल्लियाँ बुद्ध-सी बुद्धू कभी नहीं रहीं कि अनुभूत सत्य को किसी मठ में पाठ्यक्रम चर्या में पढ़ातीं। जो बुद्ध को सुनते रहे, यहीं मर-खप गए। जिन्होंने वहीं दीवार पर बैठी बिल्ली को पढ़ा, परिनिर्वाण को उपलब्ध हुए।

'बेला' की नई पोस्ट्स पाने के लिए हमें सब्सक्राइब कीजिए

Incorrect email address

कृपया अधिसूचना से संबंधित जानकारी की जाँच करें

आपके सब्सक्राइब के लिए धन्यवाद

हम आपसे शीघ्र ही जुड़ेंगे

07 अगस्त 2025

अंतिम शय्या पर रवींद्रनाथ

07 अगस्त 2025

अंतिम शय्या पर रवींद्रनाथ

श्रावण-मास! बारिश की झरझर में मानो मन का रुदन मिला हो। शाल-पत्तों के बीच से टपक रही हैं—आकाश-अश्रुओं की बूँदें। उनका मन उदास है। शरीर धीरे-धीरे कमज़ोर होता जा रहा है। शांतिनिकेतन का शांत वातावरण अशांत

10 अगस्त 2025

क़ाहिरा का शहरज़ाद : नजीब महफ़ूज़

10 अगस्त 2025

क़ाहिरा का शहरज़ाद : नजीब महफ़ूज़

Husayn remarked ironically, “A nation whose most notable manifestations are tombs and corpses!” Pointing to one of the pyramids, he continued: “Look at all that wasted effort.” Kamal replied enthusi

08 अगस्त 2025

धड़क 2 : ‘यह पुराना कंटेंट है... अब ऐसा कहाँ होता है?’

08 अगस्त 2025

धड़क 2 : ‘यह पुराना कंटेंट है... अब ऐसा कहाँ होता है?’

यह वाक्य महज़ धड़क 2 के बारे में नहीं कहा जा रहा है। यह ज्योतिबा फुले, भीमराव आम्बेडकर, प्रेमचंद और ज़िंदगी के बारे में भी कहा जा रहा है। कितनी ही बार स्कूलों में, युवाओं के बीच में या फिर कह लें कि तथा

17 अगस्त 2025

बिंदुघाटी : ‘सून मंदिर मोर...’ यह टीस अर्थ-बाधा से ही निकलती है

17 अगस्त 2025

बिंदुघाटी : ‘सून मंदिर मोर...’ यह टीस अर्थ-बाधा से ही निकलती है

• विद्यापति तमाम अलंकरणों से विभूषित होने के साथ ही, तमाम विवादों का विषय भी रहे हैं। उनका प्रभाव और प्रसार है ही इतना बड़ा कि अपने समय से लेकर आज तक वे कई कला-विधाओं के माध्यम से जनमानस के बीच रहे है

22 अगस्त 2025

वॉन गॉग ने कहा था : जानवरों का जीवन ही मेरा जीवन है

22 अगस्त 2025

वॉन गॉग ने कहा था : जानवरों का जीवन ही मेरा जीवन है

प्रिय भाई, मुझे एहसास है कि माता-पिता स्वाभाविक रूप से (सोच-समझकर न सही) मेरे बारे में क्या सोचते हैं। वे मुझे घर में रखने से भी झिझकते हैं, जैसे कि मैं कोई बेढब कुत्ता हूँ; जो उनके घर में गंदे पं

बेला लेटेस्ट