Font by Mehr Nastaliq Web

ए.एन. कॉलेज से हो रही है बिहार में 'हिन्दवी कैंपस कविता' की शुरुआत

हिन्दवी कैंपस कविता—‘हिन्दवी’ का एक विशेष आयोजन है। इस आयोजन के माध्यम से देश के विभिन्न शैक्षिक संस्थानों के साथ-सहयोग से वहाँ के छात्रों को साहित्य-सृजन के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाता है। हिंदी-संसार की अभी-अभी की नई पीढ़ी को—हिंदी के श्रेष्ठ कवियों के मार्गदर्शन में रचनात्मकता से अवगत कराने में यह आयोजन अत्यंत सहायक सिद्ध हो रहा है। अब तक देश के दस राज्यों के अठारह प्रतिष्ठित संस्थानों में ‘हिन्दवी कैंपस कविता’ के सफल आयोजन किए जा चुके हैं। इस आयोजन की शुरुआत ‘हिन्दवी’ ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय (हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग) के साथ वर्ष 2022 में सितंबर महीने में की थी। इस सिलसिले में आगे—

1. शहीद दुर्गा मल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (देहरादून)
2. पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (बठिंडा)
3. हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (हैदराबाद)
4. हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (महेंद्रगढ़)
5. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (लखनऊ)
6. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (अलीगढ़)
7. क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, एनसीईआरटी (भोपाल)
8. राम लखन सिंह यादव कॉलेज (राँची)
9. वी.एस.एस.डी. कॉलेज (कानपुर)
10. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (इंदौर)
11. विश्व -भारती (शांतिनिकेतन)
12. महादेवी वर्मा सृजनपीठ, कुमाऊँ विश्वविद्यालय (नैनीताल)
13. जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली
14. दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
15. अंतर सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र, बी.एच.यू., वाराणसी
16. गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय, वडोदरा
17. हिन्दू कॉलेज, दिल्ली

के साथ मिलकर अब तक हिन्दवी कैंपस कविता के 18 सफल आयोजन हो चुके हैं।

इस कड़ी में अगला आयोजन 25 अप्रैल को पटना के अनुग्रह नारायण महाविद्यालय में होने जा रहा है। बिहार में ‘हिन्दवी कविता कैंपस’ का यह पहला आयोजन है। इस आयोजन में समादृत कवि आलोकधन्वा, सुप्रसिद्ध कवि निर्मला पुतुल और सुपरिचित कवि राकेश रंजन कविता-पाठ के लिए आमंत्रित हैं। दो सत्रों के इस कार्यक्रम में कैंपस के विद्यार्थियों को—आमंत्रित कवियों से मिलने और उनके सम्मुख अपनी कविताएँ सुनाने का अवसर प्राप्त होगा। आमंत्रित कवि बतौर निर्णायक न सिर्फ़ इन विद्यार्थी-कवियों की कविताओं पर बात करेंगे, बल्कि इनमें से श्रेष्ठ तीन कवियों को पुरस्कृत भी करेंगे। 

प्रतियोगिता के लिए निर्देश :

1. यह प्रतियोगिता अनुग्रह नारायण महाविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना और बिहार राज्य के विद्यालयों-महाविद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए है।

2. प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों द्वारा गूगल फ़ॉर्म भरा जाना अनिवार्य है।

3. विद्यार्थी प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए यह गूगल फ़ॉर्म देखें : हिन्दवी कैंपस कविता : अनुग्रह नारायण महाविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना

4. प्रतियोगिता के लिए अपनी पाँच मौलिक और अप्रकाशित-अप्रसारित कविताएँ भेजना अनिवार्य है।

5. प्रतियोगिता में शामिल होने की अंतिम तिथि 22 अप्रैल 2025 है।

6. चयनित प्रतिभागियों की घोषणा 23 अप्रैल 2025 को 'हिन्दवी' के सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर की जाएगी।

6. प्रतियोगिता में चयनित विद्यार्थियों को अपने यात्रा-व्यय पर आयोजन में भागीदारी के लिए आना होगा।

और अधिक जानकारी के लिए यह पोस्टर देख सकते हैं :

'बेला' की नई पोस्ट्स पाने के लिए हमें सब्सक्राइब कीजिए

Incorrect email address

कृपया अधिसूचना से संबंधित जानकारी की जाँच करें

आपके सब्सक्राइब के लिए धन्यवाद

हम आपसे शीघ्र ही जुड़ेंगे

07 अगस्त 2025

अंतिम शय्या पर रवींद्रनाथ

07 अगस्त 2025

अंतिम शय्या पर रवींद्रनाथ

श्रावण-मास! बारिश की झरझर में मानो मन का रुदन मिला हो। शाल-पत्तों के बीच से टपक रही हैं—आकाश-अश्रुओं की बूँदें। उनका मन उदास है। शरीर धीरे-धीरे कमज़ोर होता जा रहा है। शांतिनिकेतन का शांत वातावरण अशांत

10 अगस्त 2025

क़ाहिरा का शहरज़ाद : नजीब महफ़ूज़

10 अगस्त 2025

क़ाहिरा का शहरज़ाद : नजीब महफ़ूज़

Husayn remarked ironically, “A nation whose most notable manifestations are tombs and corpses!” Pointing to one of the pyramids, he continued: “Look at all that wasted effort.” Kamal replied enthusi

08 अगस्त 2025

धड़क 2 : ‘यह पुराना कंटेंट है... अब ऐसा कहाँ होता है?’

08 अगस्त 2025

धड़क 2 : ‘यह पुराना कंटेंट है... अब ऐसा कहाँ होता है?’

यह वाक्य महज़ धड़क 2 के बारे में नहीं कहा जा रहा है। यह ज्योतिबा फुले, भीमराव आम्बेडकर, प्रेमचंद और ज़िंदगी के बारे में भी कहा जा रहा है। कितनी ही बार स्कूलों में, युवाओं के बीच में या फिर कह लें कि तथा

17 अगस्त 2025

बिंदुघाटी : ‘सून मंदिर मोर...’ यह टीस अर्थ-बाधा से ही निकलती है

17 अगस्त 2025

बिंदुघाटी : ‘सून मंदिर मोर...’ यह टीस अर्थ-बाधा से ही निकलती है

• विद्यापति तमाम अलंकरणों से विभूषित होने के साथ ही, तमाम विवादों का विषय भी रहे हैं। उनका प्रभाव और प्रसार है ही इतना बड़ा कि अपने समय से लेकर आज तक वे कई कला-विधाओं के माध्यम से जनमानस के बीच रहे है

22 अगस्त 2025

वॉन गॉग ने कहा था : जानवरों का जीवन ही मेरा जीवन है

22 अगस्त 2025

वॉन गॉग ने कहा था : जानवरों का जीवन ही मेरा जीवन है

प्रिय भाई, मुझे एहसास है कि माता-पिता स्वाभाविक रूप से (सोच-समझकर न सही) मेरे बारे में क्या सोचते हैं। वे मुझे घर में रखने से भी झिझकते हैं, जैसे कि मैं कोई बेढब कुत्ता हूँ; जो उनके घर में गंदे पं

बेला लेटेस्ट