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पंकज विश्वजीत

1995 | ग़ाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश

नई पीढ़ी के कवि-गद्यकार।

नई पीढ़ी के कवि-गद्यकार।

पंकज विश्वजीत के बेला

24 मई 2025

वैशाख की कविता : ताड़ी

वैशाख की कविता : ताड़ी

फागुन और चैत के मदमस्त, अलसाये दिन-रात के बर’अक्स वैशाख बड़ा कामकाजी महीना है―खेत-खलिहान से संपृक्त महीना। पुराणों में इसे ‘माधव मास’ कहा गया है, लेकिन रसिकों ने इसे ‘मधुमास’ कहा है। और हो भी क्यों न!

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