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शब्द पर कवितांश

वर्णों के मेल से बने

सार्थक वर्णसमुदाय को शब्द कहा जाता है। इनकी रचना ध्वनि और अर्थ के मेल से होती है। शब्द को ब्रहम भी कहा गया है। इस चयन में ‘शब्द’ शब्द पर बल रखती कविताओं का संकलन किया गया है।

इस प्रकार शब्द का प्रयोग करो

कि उस शब्द के स्थान पर

दूसरे पर्यायवाची शब्द का प्रयोग

नहीं करना पड़े

तिरुवल्लुवर

दोषरहित शब्दों को

जो प्रयोग नहीं करना जानते

वे कई शब्दों को

एक साथ प्रयोग करते हैं

तिरुवल्लुवर

सुनने वालों की क्षमता को

ध्यान में रख शब्द का प्रयोग करो

अन्यथा धर्म और अर्थ का

कोई मूल्य नहीं

तिरुवल्लुवर

जो निरर्थक शब्दों का

बार-बार प्रयोग करता है

वह मनुष्यों में कूड़े के समान है

तिरुवल्लुवर

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