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वक्तव्य पर उद्धरण

कुछ होकर भी न होने के

अभावभाव को प्रकट करती रचनाओं से एक चयन।

कथनी और करनी में आदि और अंत का अंतर है।

प्रेमचंद

मैं बातें बड़ी सुंदर-सुंदर करता हूँ लेकिन मेरा आचार तथ्यरहित है।

किशनचंद 'बेवस'