वसंत पर कड़वक

वसंत को ऋतुराज कहा गया

है, जब प्रकृति शृंगार करती है। प्रकृति-काव्य का यह प्रमुख निमित्त रहा है। नई कविताओं ने भी वसंत की टेक से अपनी बातें कही हैं। इस चयन में वसंत विषयक कविताओं को शामिल किया गया है।

बारहमासा (चैत्र)

मुल्ला दाउद

षड्ऋतु वर्णन (वसंत)

मलिक मोहम्मद जायसी

वसंत वर्णन

स्वयंभू

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