काव्य और अर्थ-बोध
अपने विषय पर कुछ कहने के पूर्व, इसी विषय से संबंध रखनेवाले दो-एक प्रसंगों का अवतरण करने के लिए मैं पाठकों से क्षमा चाहता हूँ।
एक प्रतिष्ठित पत्र के संपादक ने, जिनके साथ मैं काम किया करता था, एक दिन अपने हाथ के लेख को मेज पर डालकर, चश्मे की कमानी को