शुक्रतारे के समान
आकाश के तारों में शुक्र की कोई जोड़ नहीं। शुक्र चंद्र का साथी माना गया है। उसकी आभा-प्रभा का वर्णन करने में संसार के कवि थके नहीं। फिर भी नक्षत्र मंडल में कलगी-रूप इस तेजस्वी तारे को दुनिया या तो ऐन शाम के समय, बड़े वेर घंटे-दो घंटे से अधिक देख नहीं