समाचार-पत्रों का विराट् रूप
हे विराद् स्वरूपिन् समाचार-पत्र! आप सर्वांतर्यामी साक्षात् नारायण हैं। वृत्तपत्र, वर्तमान पत्र, समाचार-पत्र, गैजट, अख़बार आपके अनेक नाम और रूप है। अतः "अनेकरूपरूपाय विष्णवे प्रभविष्णवे"—आपको प्रणाम। 2—पत्र-व्यवहार अथवा चिट्ठी-पत्री आपके पादस्थान में
महावीर प्रसाद द्विवेदी
समाचार पत्र या अख़बार किसे कहते हैं
समाचार पत्र को जिसे प्राय: अन्य ऐसे मनुष्य कि जो भलीभाँति इसके स्वाद से वंचित हैं, केवल यही समझ लिया है, कि कलकत्ते में एक लड़की हुई जिसके एक सींग, दो नाक, तीन हाथ, चार पैर और पाँच आँखें हैं। ऐसी-ऐसी बेसिर-पैर की ख़बरें और समाचार पंसारियों की पुड़ियाँ बाँधने