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ख़ुशक़िस्मत पर उद्धरण

ईश्वर अपना रूप पल-पल बदलता रहता है। ख़ुशक़िस्मत हैं वे जो उसे उसके तमाम रूपों में भी चीन्ह सकते हैं।

निकोस कज़ानज़ाकिस

जो सनाथ है, उसे उसके हितैषी सुहृद् पाप कर्मों से रोकते हैं। जो भाग्यवान् है, वह मना करने पर उस पाप कर्म से रुक जाता है, परंतु जो भाग्यहीन है, वह उस दुष्कर्म से नहीं रुकता।

वेदव्यास

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