पिता के पत्र पुत्री के नाम (पुरानी दुनिया के बड़े-बड़े शहर)
मैं लिख चुका हूँ कि आदमियों ने पहले-पहल बड़ी-बड़ी नदियों के पास और उपजाऊ घाटियों में बस्तियाँ बनाई जहाँ उन्हें खाने की चीज़ें और पानी इफ़रात से मिल सकता था। उनके बड़े-बड़े शहर नदियों के किनारे पर थे। तुमने इनमें से बाज मशहूर पुराने शहरों का नाम सुना
जवाहरलाल नेहरू
पिता के पत्र पुत्री के नाम (राजा, मंदिर और पुजारी)
हमने पिछले ख़त में लिखा था कि आदमियों के पाँच दर्जे बन गए। सबसे बड़ी जमाअत मज़दूर और किसानों की थी। किसान ज़मीन जोतते थे और खाने की चीज़ें पैदा करते थे। अगर किसान या और लोग ज़मीन न जोतते और खेती न होती तो या तो अनाज पैदा ही न होता, या होता तो बहुत कम।
जवाहरलाल नेहरू
पिता के पत्र पुत्री के नाम (मिस्र और क्रीट)
पुराने ज़माने के शहरों और गाँवों में किस तरह के लोग रहते थे? उनका कुछ हाल उनके बनाए हुए बड़े-बड़े मकानों और इमारतों से मालूम होता है। कुछ हाल उन पत्थर की तख़्तियों की लिखावट से भी मालूम होता है जो वे छोड़ गए हैं। इसके अलावा कुछ बहुत पुरानी किताबें भी हैं
जवाहरलाल नेहरू
पिता के पत्र पुत्री के नाम (चीन और हिंदुस्तान)
हम लिख चुके हैं कि शुरू में मेसोपोटैमिया, मिस्र और भूमध्य सागर के छोटे से टापू क्रीट में सभ्यता शुरू हुई और फैली। उसी ज़माने में चीन और हिंदुस्तान में भी ऊँचे दर्जे की सभ्यता शुरू हुई और अपने ढंग पर फैली। दूसरी जगहों की तरह चीन में भी लोग बड़ी नदियों