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मरीना त्स्वेतायेवा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

मरीना त्स्वेतायेवा के

प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

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अर्थ का अनुवाद किया जा सकता है। शब्द का अनुवाद नहीं किया जा सकता है… संक्षेप में—शब्द का अनुवाद कर सकते हैं, उसकी ध्वनि का नहीं।

मरीना त्स्वेतायेवा

आपको केवल उन्हीं पुस्तकों को लिखना चाहिए जिनके होने से आप दुखी हैं।

मरीना त्स्वेतायेवा

लेखन कितना शांत है, छपना उतना ही शोर-शराबे वाला।

मरीना त्स्वेतायेवा

पंख आज़ादी तभी देते हैं, जब वे उड़ान में खुले हुए होते हैं। किसी की पीठ पर लदे वे भारी वज़न ही हैं।

मरीना त्स्वेतायेवा

जल्द ही हम सभी पृथ्वी के नीचे सोएँगे, हम जो औरों को कभी भी इसके ऊपर सोने नहीं देते हैं।

मरीना त्स्वेतायेवा

जो सबसे तेज़ जलता है, वही सबसे पहले मरता है।

मरीना त्स्वेतायेवा

आप भेड़िए को चाहे कितना भी खिला दें, लेकिन वह हमेशा जंगल पर निर्भर रहता है।

मरीना त्स्वेतायेवा

किसी ने भी एक ही नदी में दो बार क़दम नहीं रखा है, लेकिन क्या कभी किसी ने एक ही किताब को दो बार पढ़ा है?

मरीना त्स्वेतायेवा

जादू अनुभव से अधिक पुराना है। कहानी अभिलेख से बहुत पहले की है।

मरीना त्स्वेतायेवा

मैं कविता के रूप में ऊपर उठूँगी…

मरीना त्स्वेतायेवा

कवि का रास्ता धूमकेतु की तरह है।

मरीना त्स्वेतायेवा

हर दिन जीवन छेद वाली बोरी की तरह होता है, और आपको इसे हर हालत में ढोना होता है।

मरीना त्स्वेतायेवा

मैं बस एक घोंघा हूँ, जिसमें सागर अभी भी बज रहा है।

मरीना त्स्वेतायेवा

जीवन एक रेलवे स्टेशन है, मैं जल्द ही घूमने निकल जाऊँगी—कहाँ के लिए? नहीं बता सकती हूँ।

मरीना त्स्वेतायेवा

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere