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दादा धर्माधिकारी के उद्धरण

यंत्रीकरण के साथ समाज यंत्र निष्ठ हो जाता है। यंत्र पर इतना भरोसा न हो कि वह मनुष्य की जगह ले ले। यंत्र में इतना विश्वास न हो कि मनुष्य के ऊपर भरोसा ही न रहे। आर्थिक संयोजन में यंत्र हो, यह अलग बात है, लेकिन मनुष्य की जगह यंत्र ही न आ जाए, इसकी सावधानी रखनी चाहिए।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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