मनुष्य को जिन बातों की बुनियाद पर समाज में इज़्ज़त मिलती है, उन बुनियादों का नाम मूल्य है। प्राचीन परिभाषा में इन्हें 'सामाजिक सत्ता' या 'सामाजिक प्रतिष्ठा' कहते थे। इस बुनियाद को एक सिरे से दूसरे सिरे तक पूरी तरह बदल देने का नाम 'क्रांति' है। मूल्यों के प्रधान लक्षण हैं—प्रामणिकता, सच्चाई, ईमानदारी।