Font by Mehr Nastaliq Web

जे. कृष्णमूर्ति के उद्धरण

निश्चय ही कलाकार, जो मानव है—एक ऐसा व्यक्ति है, जो अविभाज्य, समग्र और पूर्ण है। व्यक्ति का अर्थ है जो अविभाजित है, किंतु हम अविभाजित नहीं हैं।

अनुवाद : हरीश