Font by Mehr Nastaliq Web

चेस्लाव मीलोष के उद्धरण

नदियों के नाम तुम्हारे साथ रहते हैं। वे नदियाँ कितनी अंतहीन लगती हैं! तुम्हारे खेत ख़ाली पड़े हैं, शहर की मीनारें पहले जैसी नहीं रहीं। तुम सीमा पर खड़े होकर मौन हो।