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ओशो के उद्धरण

क्षुद्रतम में भी विराट के संदेश छुपे है। जो उन्हें उघाड़ना जानता है वह ज्ञान को उपलब्ध होता है। जीवन में सजग होकर चलने से प्रत्येक अनुभव प्रज्ञा बन जाता है और जो मूच्छित बने रहते है, वे द्वार आए आलोक को भी वापिस लौटा देते हैं।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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