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गुरु नानक के उद्धरण

जिस मानव शरीर में परमात्मा का सदा-स्थिर रहने वाला नाम नहीं बसता, वह शरीर किसी काम नहीं आता—वह शरीर व्यर्थ ही हुआ समझो।