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गुरु नानक के उद्धरण

जिन मनष्यों के हृदय में वास्तविक मालिक प्रभु बसा हुआ है; उनके सारे दुःखों का इलाज वह स्वयं बन जाता है, क्योंकि वह सभी विकारों को हृदय में से धोकर निकाल देता है, जहाँ वह बस रहा है।