Font by Mehr Nastaliq Web

लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई के उद्धरण

हमारे यहाँ पर कई दार्शनिक, लेखक और कवि हुए हैं जिनके बहुत अलग विचार रहे है, लेकिन हमारी अब तक की संस्कृति का इतिहास, ग़लतफ़हमी का इतिहास है। इसके हजारों उदाहरण है। शायद ये पूरे विश्व भर में लागू होता है।

अनुवाद : राकेश कुमार मिश्र