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लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई के उद्धरण

हमारे लेखन में भी एक जिम्मेदारी होती है। हम एक पतली रेखा खींचते है। जीवन की कई सारी चीज़ों को लेकर हम लाचार होते हैं, चाहे वो कला, संस्कृति या विज्ञान से जुड़े हों।

अनुवाद : राकेश कुमार मिश्र