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भामह के उद्धरण

गुरु के उपदेश से तो मंदबुद्धि व्यक्ति भी शास्त्रों का अध्ययन कर सकते हैं, लेकिन काव्य तो किसी प्रतिभाशाली को कभी-कभी ही (सदा-सर्वदा नहीं) स्फुरित होता है।

अनुवाद : रामानंद शर्मा