Font by Mehr Nastaliq Web

जयशंकर प्रसाद के उद्धरण

दो दिन के जीवन में मनुष्य मनुष्य को यदि नहीं पूछता, स्नेह नहीं करता, तो फिर वह किसलिए उत्पन्न हुआ है?