Font by Mehr Nastaliq Web

श्यामसुंदर दास के उद्धरण

भिन्न-भिन्न ललित कलाओं में ही, भिन्न-भिन्न व्यक्तियों के लालित्य की मात्रा भिन्न-भिन्न परिणाम में मिल सकती है।