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मैनेजर पांडेय के उद्धरण

भागवत में श्रीकृष्ण का जन्म नहीं, अवतरण होता है। वे अपने चतुर्भुजी ऐश्वर्यमय रूप में अवतरित होते हैं और पुनः बालक बन जाते हैं। इनका बचपन अलौकिक कर्मों और दिव्य लीलाओं से परिपूर्ण है।