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कुबेरनाथ राय के उद्धरण

भारतीय साहित्य में यमुना की जो छवि बनती है; वह है एक चंचल किशोरी की। सिर पर गागर लिए हुए, बड़ी कला-छला वाली, नील परिधान में सजी, दूध-वर्ण गोरी-गोरी छोरी—एक गिलास ताज़े गर्म दूध जैसी छोकरी!