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गुरु नानक के उद्धरण

अगर पुस्तकें पढ़-पढ़ कर सारी उम्र बिता दी जाए और पढ़-पढ़ के सारे श्वास गुज़ार दिए जाएँ, तो भी ईश्वर के दरबार में कुछ भी स्वीकार नहीं होता है।