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गुरु नानक के उद्धरण

अगर हाथ-पाँव या शरीर मैला हो जाए, तो पानी से धोने पर वह मैल उतर जाती है। अगर कोई कपड़ा, मूत्र आदि से गंदा हो जाए तो साबुन लगाकर उसको धो लेते हैं। पर यदि मनुष्य की बुद्धि पापों से मलिन हो जाए, तो वह पाप अकाल-पुरख के नाम से प्रेम करके ही धोया जा सकता है।