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सुरेंद्र वर्मा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

सुरेंद्र वर्मा के प्रसिद्ध

और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

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दरिद्रता अभिशाप है और वरदान भी। वह व्यक्ति रूप में एक विशिष्ट समय तक तुम्हारा परिसंस्कार करती है—पर यह अवधि दीर्घ नहीं होनी चाहिए।

सुरेंद्र वर्मा

स्वीकार करना बहुत पीड़ादायक होता है, पर जीने के लिए करना होता है।

सुरेंद्र वर्मा

सजग पर्यवेक्षण, सटीक अभिव्यक्ति के सुचिंतित प्रकार, और कगार तोड़ने को व्याकुल कल्पना जिन कवियों के पास नहीं, उन्होंने उपमाओं को रंगहीन, बासी और थोथा बना दिया है।

सुरेंद्र वर्मा

भावना सतत परिवर्तनशील है।

सुरेंद्र वर्मा

कई बार यंत्रणा तर्क के परे होती है।

सुरेंद्र वर्मा

जिनके पास साधन होते हैं, उनके पास दृष्टि नहीं होती, जिनके पास दृष्टि होती है—केवल वही होती है, और शून्य होता है।

सुरेंद्र वर्मा

असफल कवि सफल शिक्षक नहीं हो सकता।

सुरेंद्र वर्मा

रोहिणी को केवल चंद्रमा ही चाहिए।

सुरेंद्र वर्मा

फल की चिंता के साथ किया गया कर्म, कर्म-अवधारणा का अपमान समझा जाना चाहिए।

सुरेंद्र वर्मा

कलात्मक महत्वाकांक्षा घातक होती है—प्रियजनों को संतप्त करती है।

सुरेंद्र वर्मा

तपोवन से शमशान तक—केवल विवाह-विमर्श!

सुरेंद्र वर्मा

अपनी सीमाओं के हाशिए झकझोरने का यही एक उपाय है—हर जड़ और चेतन के साथ संयुक्त होने का प्रयास।

सुरेंद्र वर्मा

परित्याग करो और सुखी हो जाओ।

सुरेंद्र वर्मा

जलते और चलते रहो।

सुरेंद्र वर्मा

जिन प्राणियों की जीवन-शैली स्निग्ध और धवल होती है, उन्हीं के जीवन में कविता होती है। हमारा जीवन शुष्क और मलिन है। हम उस कोटि को छू भी नहीं सकते।

सुरेंद्र वर्मा

एक अभिनीत स्थल बदलने से दृश्य बदल जाता है।

सुरेंद्र वर्मा

स्त्री जन्मजात अभिनेत्री होती है।

सुरेंद्र वर्मा