मरीना त्स्वेतायेवा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण
मरीना त्स्वेतायेवा के
प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण
जल्द ही हम सभी पृथ्वी के नीचे सोएँगे, हम जो औरों को कभी भी इसके ऊपर सोने नहीं देते हैं।
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पंख आज़ादी तभी देते हैं, जब वे उड़ान में खुले हुए होते हैं। किसी की पीठ पर लदे वे भारी वज़न ही हैं।
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टैग्ज़ : आज़ादीऔर 1 अन्य
अर्थ का अनुवाद किया जा सकता है। शब्द का अनुवाद नहीं किया जा सकता है… संक्षेप में—शब्द का अनुवाद कर सकते हैं, उसकी ध्वनि का नहीं।
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टैग्ज़ : अनुवादऔर 1 अन्य
आपको केवल उन्हीं पुस्तकों को लिखना चाहिए जिनके न होने से आप दुखी हैं।
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आप भेड़िए को चाहे कितना भी खिला दें, लेकिन वह हमेशा जंगल पर निर्भर रहता है।
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किसी ने भी एक ही नदी में दो बार क़दम नहीं रखा है, लेकिन क्या कभी किसी ने एक ही किताब को दो बार पढ़ा है?
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हर दिन जीवन छेद वाली बोरी की तरह होता है, और आपको इसे हर हालत में ढोना होता है।
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जीवन एक रेलवे स्टेशन है, मैं जल्द ही घूमने निकल जाऊँगी—कहाँ के लिए? नहीं बता सकती हूँ।
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टैग : जीवन