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विनोद कुमार शुक्ल

1937 | राजनाँदगाँव, छत्तीसगढ़

सुप्रसिद्ध कवि-कथाकार। साहित्य अकादेमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

सुप्रसिद्ध कवि-कथाकार। साहित्य अकादेमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

विनोद कुमार शुक्ल के ऑडियो

कविता

अपने हिस्से में लोग आकाश देखते हैं

रेख़्ता AI

आँख बंद कर लेने से

रेख़्ता AI

कितना बहुत है

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जाते-जाते ही मिलेंगे लोग उधर के

रेख़्ता AI

जो कुछ अपरिचित हैं

रेख़्ता AI

जो मेरे घर कभी नहीं आएँगे

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दुनिया में अच्छे लोगों की कमी नहीं है

रेख़्ता AI

दूर से अपना घर देखना चाहिए

रेख़्ता AI

प्रेम की जगह अनिश्चित है

रेख़्ता AI

मैं अंतर्मुखी होकर

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सबसे ग़रीब आदमी की

रेख़्ता AI

Recitation