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विहाग वैभव

1993 | जौनपुर, उत्तर प्रदेश

नई पीढ़ी के कवि। दलित-संवेदना-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी के कवि। दलित-संवेदना-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

विहाग वैभव का परिचय

विहाग वैभव का जन्म 30 अगस्त 1993 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक किसान-मज़दूर परिवार में हुआ। जौनपुर से आरंभिक शिक्षा के बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ‘चाय पर शत्रु-सैनिक’ शीर्षक कविता के लिए उन्हें भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार प्रदान किया गया और उनका स्वागत उम्मीद के स्वर में किया गया है। उनके लिए कहा गया है कि उनकी कविताओं में विचलित कर देने वाली सपाटबयानी के वेदनामय ब्योरे हैं। यह तेवर हिंदी कविता में नया तो नहीं है, लेकिन एक नए रूप में लगभग तीन दशकों के बाद लौटा है। उन्हें ‘कवि-आक्रोश’ को सजगता के साथ सँभालने वाले इस दौर के एक और एकमात्र कवि के रूप में भी देखा गया है। 

वह दलित-संवेदना-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय है और कविता को किसी हस्तक्षेप की तरह भी बरत रहे हैं। वह सोशल मीडिया पर लोकप्रिय कुछ नए कवियों में से एक हैं जिनमें पाठकों ने रुचि प्रदर्शित की है। 

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