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सवाई सिंह शेखावत

1947 | जयपुर, राजस्थान

‘निज कवि धातु बचाई मैंने’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। लोक-संवेदना के लिए उल्लेखनीय।

‘निज कवि धातु बचाई मैंने’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। लोक-संवेदना के लिए उल्लेखनीय।

सवाई सिंह शेखावत का परिचय

जन्म : 13/02/1947 | जयपुर, राजस्थान

सवाई सिंह शेखावत का जन्म 13 फ़रवरी 1947 को जयपुर के कोटपूतली तहसील के ललाणा ग्राम में हुआ। वह मूलतः कवि हैं लेकिन साथ ही कहानी, उपन्यास और आलोचनात्मक लेखन भी किया है। हिंदी के साथ ही राजस्थानी में भी कविता-कहानी लिखते रहे हैं। उनकी पहली राजस्थानी कहानी ‘कूँपळ’ पर्याप्त चर्चित रही जो हिंदी,तेलुगू तथा डोगरी में अनूदित हुई है। 
‘घर के भीतर घर’, ‘पुराना डाकघर एवं अन्य कविताएँ’, ‘दीर्घायु हैं मृतक’, ‘उत्तर राग’, ‘घरों से घिरी दुनिया में’, ‘मुश्किल दिनों में अच्छी कविताएँ’, ‘कितना कम जानते हैं हम ख्यातिहीनता के बारे में’ और नवीनतम ‘निज कवि धातु बचाई मैंने (2017) के रूप में उनके 8 कविता-संग्रह प्रकाशित हैं। उनकी ग़ज़लों का संग्रह ‘एक हिस्सा हर्फ़’ शीर्षक से प्रकाशित है और ‘कवि-निकष’ उनका गद्य-संकलन है। इसके अतिरिक्त वह अनियतकालिक साहित्यिक पत्र ‘बख़त’ और राजस्थान सरकार के पंचायती राज विभाग द्वारा प्रकाशित मासिक ‘राजस्थान विकास’ के संपादन से भी संबद्ध रहे। 
उन्हें राजस्थान अकादेमी द्वारा कविता-संग्रह ‘घर के भीतर घर’ के लिए सुमनेश जोशी पुरस्कार तथा ‘पुराना डाकघर एवं अन्य कविताएँ’ के लिए सुधीन्द्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 'निज कवि धातु बचाई मैंने' के लिए मीरा पुरस्कार तथा जोधपुर की 'कथा' पत्रिका के पहले 'नन्द चतुर्वेदी सम्मान' से भी नवाज़ा गया है। 

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