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नई पीढ़ी की कवयित्री। 'राबिया का ख़त' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी की कवयित्री। 'राबिया का ख़त' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

मेधा का परिचय

16 अक्टूबर 1974 को बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में जन्मीं मेधा विज्ञान में स्नातक हैं। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। भारतीय जनसंचार संस्थान, दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया है। 

वह ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में कॉपी एडिटर और मासिक पत्रिका ‘सामयिक वार्ता’ की एसोसिएट एडिटर रही हैं। श्री अरबिंदो सेंटर फ़ॉर आर्ट्स एंड कम्युनिकेशन, नई दिल्ली में हिंदी पत्रकारिता के पाठ्यक्रम निदेशक की भूमिका भी निभाई है। ‘आउटलुक’ हिंदी के लिए ‘दूसरा पहलू’ नाम से स्तंभ लिखा है। उन्होंने ‘भारतीय बाल-साहित्य कार्यशाला’ की शुरुआत की है और प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए बाल-साहित्य की समीक्षा करती रही हैं। एनसीईआरटी के लिए लिखे उनके ऑडियो स्क्रिप्ट को राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। ‘यूथ लीडरशिप प्रोग्राम’ के अंतर्गत वह युवाओं को प्रशिक्षित करने का भी काम करती रही हैं। ‘भक्तिवर्सिटी’ की संस्थापक हैं और भारत के सामाजिक आंदोलन, भक्ति आंदोलन और सूफ़ीवाद पर कार्य कर रही हैं। लंबे समय तक जल, जंगल और ज़मीन के तृणमूल आंदोलनों से जुड़ी रहीं और इस संघर्ष से जुड़ी तृणमूल नायिकाओं के जीवन पर आधारित स्तंभ ‘रहबर’ का लेखन किया।

उनकी दो पुस्तकें—‘भक्ति आंदोलन और स्त्री-विमर्श’ तथा ‘आधुनिकता और आधुनिक काव्य-विमर्श’ प्रकाशित हो चुकी हैं।

संप्रति : दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कॉलेज (सांध्य) में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं।

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