Font by Mehr Nastaliq Web
Maxim Gorky's Photo'

मैक्सिम गोर्की

1868 - 1936 | निज़हनी नोवगोरोड

समादृत सोवियत लेखक, नाटककार और राजनीतिक विचारक। समाजवादी यथार्थवाद के प्रवर्तक।

समादृत सोवियत लेखक, नाटककार और राजनीतिक विचारक। समाजवादी यथार्थवाद के प्रवर्तक।

मैक्सिम गोर्की की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 4

पृथ्वी स्वयं इस नए जीवन को जन्म दे रही है और सारे प्राणी इस आनेवाले जीवन की विजय चाह रहे हैं। अब चाहे रक्त की नदियाँ बहें या रक्त के सागर भर जाएँ, परंतु इस नई ज्योति को कोई बुझा नहीं सकता।

  • शेयर

धन में बल है सत्य नहीं।

  • शेयर

नवयुग की ज्योति को जो एक बार देख लेता है, उसी को वह पवित्र बनाती हुई जलाने लगती हैं।

  • शेयर

हर आदमी को दुनिया में बूट, जूता या छाता सुलभ नहीं होता परंतु हर आदमी को अपने पड़ोसी से अधिक दिखावा करने का शौक़ होता है।

  • शेयर

पुस्तकें 4

 

Recitation