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गोपीनाथ कविराज

1887 - 1976

गोपीनाथ कविराज के उद्धरण

जिनकी करुणा का प्रसार-क्षेत्र जितना अधिक होता है, श्री भगवान के साथ उनका तादात्म्य भी उतना ही गंभीर रहता है।

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