दीपक जायसवाल के बेला
न भेंट, न वार्ता... सिर्फ़ रायता
यह उस समय की बात है; जब मेरा स्नातक हो चुका था, लेकिन डिग्री अभी हाथ न लगी थी। मैं तब तक उदय प्रकाश की कहानियों का दीवाना हो चुका था। उनसे मिलने से बहुत पहले, मैं उनकी किताबों से मिल चुका था। मैं उनस