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पर्वतीय-संवेदना और सरोकारों को अभिव्यक्ति देने वाले हिंदी के सुपरिचित कवि।

पर्वतीय-संवेदना और सरोकारों को अभिव्यक्ति देने वाले हिंदी के सुपरिचित कवि।

अजेय का परिचय

अजेय का जन्म 18 मार्च 1965 को हिमाचल प्रदेश के लाहुल-स्पिती के सुमनम ग्राम में हुआ। उनका मूल नाम अजय कुमार है। आरंभिक शिक्षा-दीक्षा केलंग में हुई और उच्च शिक्षा चंडीगढ़ से पाई। 

पंजाब में वे खालिस्तानी उग्रवाद के दिन थे। वर्ष 1984 के उन्हीं दिनों कविताएँ लिखनी शुरू की। कुमार विकल की कविताओं से ताक़त पाते थे। कविता में ही मानवता के बचे रहने की उम्मीद देखी। पंजाब विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य की पढ़ाई की। पंजाबी कविताओं के संपर्क में भी उन्हीं दिनों आए। हिंदी कवियों में अज्ञेय और मुक्तिबोध ने गहराई से प्रभावित किया। हिमालय उनका घर है। हिमालय घर और जीवन की तरह उनकी कविताओं में बना रहता है। हिमालय की ओर लौट जाने की इच्छा में ही हिमाचल प्रदेश के उद्योग विभाग में नौकरी की और अब भी रमे हुए हैं।  

विभिन्न पत्रिकाओं में उनकी कविताओं का प्रकाशन वर्ष 2004-05 से शुरू हुआ और सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में व्यापक रूप से छपे। उनकी कविताओं की पर्वतीय-संवेदना और सरोकारों ने हिंदी परिसर को आकर्षित किया है और भरपूर सराहे गए हैं। 

कुछ संयम के साथ उनका एकमात्र कविता-संग्रह ‘इन सपनों को कौन गाएगा’ वर्ष 2014 में प्रकाशित हुआ है। संग्रह की कविताओं में पहाड़ के इंद्रधनुषी रंगों को वहाँ के आम जन-जीवन के कटु यथार्थ के साथ विशिष्टता से चिह्नित किया गया है।

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