कविताएँ
हिंदी की काव्य-परंपरा से विभिन्न काव्य-विधाओं की रचनाओं का विशाल-संग्रह
अर्जेंटीना के स्वशिक्षित विद्वान, कवि, निबंधकार और विचारक। 'ला फ्लाउटा दे काना', 'कोप्लास', 'लिब्रो देल गे विविर', 'नोक्तुर्नोस', 'अमेरिका इनिशियल' आदि कृतियाँ प्रकाशित।
आधुनिक पुएर्तो रिको के 'राजनीतिक वास्तुकार' के रूप में समादृत राजनेता, कवि-लेखक और पत्रकार।
फ़्रांस के समादृत कवि, उपन्यासकार, निबंधकार और संपादक। नोबेल पुरस्कार के लिए कई बार नामांकित।
सुपरिचित आयरिश-ब्रिटिश कवि और नाटककार। ‘ऑटम जर्नल’, ‘द अर्थ कंपेल्स’, ‘द सनलाइट ऑन द गार्डन’ आदि उल्लेखनीय कृतियाँ।
आधुनिक अर्जेंटीनी साहित्य के सबसे प्रभावशाली और नवाचारशील रचनाकारों में से एक के रूप में समादृत। कविता, कथा, उपन्यास, नाटक, निबंध, संपादन आदि विभिन्न विधाओं में योगदान।
सुपरिचित कवि। दो कविता-संग्रह—‘लाल चोंच वाले पंछी’ और ‘घिस रहा है धान का कटोरा’ प्रकाशित।
‘कांतकवि’ के रूप में सुप्रसिद्ध राष्ट्रवादी धारा के ओड़िया कवि-कलाकार।
‘साहित्यर्थी’ और ‘रसराज’ के रूप में समादृत असमिया कवि-लेखक-व्यंग्यकार।
सुपरिचित सिंधी कवि और नाटककार। 'सुराही' काव्य-संग्रह के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
समादृत अफ़्रीकी-अमेरिकी कवि, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता। 'हार्लेम रेनेसाँ' के प्रमुख प्रतिनिधि।
मणिपुरी भाषा की ‘युवा कविता धारा’ के प्रतिनिधि कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
मणिपुरी भाषा के समादृत कवि-लेखक। आधुनिक मणिपुरी साहित्य के सृजन में योगदान के लिए उल्लेखनीय।
सुपरिचित कवि और व्यंग्यकार। 'प्रश्नकाल का दौर' शीर्षक से एक व्यंग्य-संग्रह प्रकाशित।
नई पीढ़ी की कवयित्री। ‘प्राचीन भारत में मातृसत्ता और यौनिकता’ शीर्षक पुस्तक उल्लेखनीय।
अफ़्रीकी-अमेरिकी लेखक, कवि, शिक्षक और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता। 'द विंग्स ऑफ़ ओप्रेशन' उल्लेखनीय काव्य-कृति।
मणिपुरी भाषा के सुप्रसिद्ध कवि-निबंधकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
सुपरिचित गुजराती कवि-नाटककार और कथाकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
सुपरिचित रूसी कवि, पत्रकार और अनुवादक। काव्य-भाषा और रचनात्मक सौंदर्य के लिए उल्लेखनीय।
सेनेगल के समादृत कवि, सांस्कृतिक सिद्धांतकार-दार्शनिक और पहले राष्ट्रपति।
ताइवान के सुप्रसिद्ध कवि-लेखक और सांस्कृतिक समालोचक। 'ली पोएट्री' पत्रिका के संपादक के रूप में योगदान।
सुपरिचित कवि-गद्यकार और संपादक। भाषिक वैभव और आदिवासी-लोक-संवेदना के लिए उल्लेखनीय।