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सात झींगे, सात बिच्छू

saat jhinge, saat bichchhu

अनुवाद : सईद शेख़

आऊलिक्की ओकसानेन

आऊलिक्की ओकसानेन

सात झींगे, सात बिच्छू

आऊलिक्की ओकसानेन

और अधिकआऊलिक्की ओकसानेन

    रोचक तथ्य

    फिनदेश में नदी के झींगों का शिकार अगस्त के महीने में शुरू होता है। एक उत्सव की तरह। झींगों को उबालने के लिए उन्हें जीवित, उबलते पानी में डाला जाता है जब गहरे स्लेटी भूरे रंग के झींगें, चमकता, सुर्ख़ रंग धारण कर लेते हैं।

    और मैं जाग पड़ी मृत्यु-स्वप्न से

    ताकि अपनी यात्रा जारी रख सकूँ

    और मैं अंतहीन सड़क पर चलती रही

    समूची दुनिया में।

    और कहीं, किसी अंतहीन सड़क पर

    मैंने अपने बच्चों की आवाज़ सुनी।

    सात झींगे, सात बिच्छू

    छलाँग मारते हुए

    बाढ़ के पानी से, बोले मुझसे : माँ, प्यारी माँ।

    बदल डालो

    अपनी पराजय को संघर्ष में, अपने आँसुओं को जीत में

    क्योंकि सप्ताह के सातवें दिन

    हम उबलते पानी में सुर्ख़ हो जाएँगे

    सातवीं रात हम अपने शिकंजों में जकड़ लेंगे

    हत्यारों के गले।

    सप्ताह के सातवें दिन हम क़ब्ज़े में ले लेंगे

    मुर्दाघर। सातवीं रात को हम खोलेंगे ताबूत

    कोलंबस की पालों के लिए।

    सातवें दिन देंगे सुईयाँ उनको

    जो उल्टे चलते हैं—पीछे की ओर।

    सातवीं रात को हम उनके

    सरों को खुजलाएँगे जो हरेक चीज़ को

    उलट-पलट कर देखा करते हैं।

    सातवें दिन हम एकत्र करेंगे पत्थरों में

    सारे खुट्टल, संतुष्ट बियर से फले पेटों को।

    सातवीं रात को हम उतार देंगे मैथुन करते हुए

    जंगली भैंसों (बीसनों) को दिमाग़ों की ख़ंदक़ों में!

    क्योंकि हम यहाँ है, शाख़ बच्चे

    विद्रोह की संतान, दमकती आशाएँ!

    हम यहाँ हैं, खुरदरे शिकंजे

    विषाक्त वास्तविकता, तूफ़ान का पूर्व-चिह्न!

    सातवें दिन हम खा डालेंगे

    संसार की वीभत्सता।

    सातवीं रात हम उसे कर डालेंगे

    लघु-वीभत्स।

    सातवें दिन हम करेंगे परिवर्तन

    अपनी यात्राओं की दिशाओं में।

    सातवीं रात हम ढूँढ़ेंगे रास्ते

    विद्रोह से क्रांति तक।

    सातवें दिन हो जाएँगे लैस

    बुद्धि से, बुद्धिहीनता के विरुद्ध।

    सातवीं रात को होंगे संगठित

    असंगठित शस्त्र के विरुद्ध।

    सातवें दिन हम ले जाएँगे

    सारे बजते हुए नगाड़े शहर की सड़कों पर।

    सातवीं रात को हम उठाएँगे अपनी गर्दनें

    ख़ामोशी से तुम्हारे कान में फुसफुसाने के लिए :

    माँ, प्यारी माँ,

    तुम्हारी संतानें सुरक्षित हैं।

    स्रोत :
    • पुस्तक : दरवाज़े में कोई चाबी नहीं (पृष्ठ 220)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : आऊलिक्की ओकसानेन
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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