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दरदे अबले उपहार

darde able uphaar

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

अन्य

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सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

दरदे अबले उपहार

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

और अधिकसूर्यदेव पाठक ‘पराग’

    दरदे अबले उपहार मिलल

    अपना मतलब के यार मिलल

    बगिया-बगिया कम ना छनलीं

    बदले कुसुमन के, खार मिलल

    आटा गिल कइलीं घर ही के

    कुछ यश, कुछ बा आभार मिलल

    पग-पग पर बाधा बान्ह बनल

    राहे चलते बटमार मिलल

    कइसे थम पाई लूट-झपट

    भक्षक जब पहरादार मिलल

    हम मंचन कइलीं तन-मन से

    जइसन हमरा किरदार मिलल

    दाता धरती पर लडके ना

    जे लउकल से लाचार मिलल

    स्रोत :
    • पुस्तक : भंवर में नाव (पृष्ठ 22)
    • रचनाकार : सूर्यदेव पाठक ‘पराग’
    • प्रकाशन : प्रभात कुमार पाठक
    • संस्करण : 2003

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