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चंपा हनुमत रूप अलि

champa hanumat roop ali

जमाल

जमाल

चंपा हनुमत रूप अलि

जमाल

और अधिकजमाल

    चंपा हनुमत रूप अलि, ला अक्षर लिखि बाम।

    प्रेमी प्रति पतिया दियो, कह जमाल किहि काम॥

    उस प्रेमिका ने अपने पति को पत्र में चंपा-पुष्प, हनुमान, भौंरा और ला अक्षर क्यों लिखकर दिया? गूढ़ार्थ यह है कि प्रेमिका अपना संदेश व्यक्त करना चाहती है कि उसकी और प्रेमी की दशा, चंपा और भ्रमर-सी हो रही है। दोनों मिल नहीं रहे हैं। इस हेतु वह स्त्री (चंपा) दूत (हनुमान) से कह रही है कि तू जाकर मेरे प्रेमी (भ्रमर) से कह कि मुझे मिलने की लालसा (ला) है। 'ला' का अर्थ यहाँ लाने का भी हो सकता है, मानो विरहिणी दूत से कहती हो कि तू जाकर प्रेमी को बुला ला।

    स्रोत :
    • पुस्तक : जमाल दोहावली
    • संपादक : महावीर सिंह गहलोत
    • प्रकाशन : पुस्तक भवन
    • संस्करण : 1945

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