Font by Mehr Nastaliq Web
noImage

विनायक दामोदर सावरकर

1883 - 1966 | नासिक, महाराष्ट्र

विनायक दामोदर सावरकर की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 7

श्रुति, स्मृति, पुराण आदि पुरातन ग्रंथों को हम अत्यंत कृतज्ञतायुक्त आदर से और आत्मीयता से सम्मान करते हैं किंतु ऐतिहासिक ग्रंथों के रूप में अनुल्लंघनीय धर्म-ग्रंथों के रूप में नहीं। उसमें दिया हुआ सारा ज्ञान-विज्ञान आज के विज्ञान की कसौटी पर कसेंगे और तत्पश्चात् आज राष्ट्र-धारणा के लिए जितना आवश्यक प्रतीत होगा उतना ही हम निर्भय होकर आचरण में लाएँगे।

  • शेयर

नाम की गरिमा ही ऐसी है कि वह भावना विशेष का ही प्रतीक बन जाता है और वह भावना ही दिवंगत मानवों की कई संततियों के पश्चात् भी जीवित रहती है।

  • शेयर

मनुष्य रचित परिवर्तनीय और कभी-कभी परस्पर विरोधी ग्रंथों में क्या लिखा है, उसी के आधार पर कोई सुधार या परिवर्तन करना उचित है अथवा अनुचित है—इसका निर्णय करते हुए वह विशिष्ट सुधार विशिष्ट परिस्थिति में राष्ट्र-धारणा के लिए हितकर है या नहीं, इस प्रत्यक्ष प्रमाण को विचारार्थ लिया जाना चाहिए और परिस्थिति के अनुसार निर्बंधों-नियमों को भी बदलते रहना चाहिए।

  • शेयर

मनुष्यता सब प्रकार की देशभक्ति और देशाभिमान के भावों से ऊँची चीज़ है।

  • शेयर

मनुष्यता ही ऊँची देशभक्ति है।

  • शेयर

पुस्तकें 1

 

"महाराष्ट्र" के और लेखक

 

Recitation