ख़ालिद जावेद के बेला
अतीत का अँधेरा और बचकानी ख़्वाहिशें
दिनेश श्रीनेत की कहानियों का संग्रह प्रकाशित होकर सामने आया है और मैं ख़ुशी के साथ एक अजीब से एहसास से भी सराबोर हूँ। मैं इस एहसास को कोई नाम देने में ख़ुद को लाचार समझता हूँ। मगर इस एहसास के केंद्र