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धनपाल

धनपाल के उद्धरण

यद्यपि सब कर्म देवाधीन है, तथापि मनुष्य को अपना कार्य करना ही चाहिए।

जो जैसा देता है, वैसा ही पाता है, यह शिष्ट लोगों ने सच कहा है जो माली कोदों बोएगा, वह धान कहाँ से प्राप्त करेगा?

मुनि वैभव संपन्न नहीं होता।

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