
शेक्सपियर को मानव-चरित्र के चमत्कार दिखाने में अधिक कौशल है और कालिदास को प्रकृति के वर्णन में। शेक्सपियर को मानव-स्वभाव के भीतर जो पहुँच थी वह कालिदास को प्रकृति के चमत्कारों में थी। इसीलिए शेक्सपियर का साहित्य गंभीर है और कालिदास का रंगीन।

इतिहास का खेल न्यारा है। सदा नए चमत्कार होते रहते हैं। नए गुल भी खिलते रहते हैं। संभव और असंभव ये दोनों शब्द इतिहास में निरर्थक हैं।